Who knows when Yeh Hansa Tan Pinjri Ko Chhore Bhajan Lyrics in Hindi
किसको पता है कब ये हंसा,
तन पिंजरे को छोड़े,
हरी हरी रट मनवा रे,
दिन रह गए थोड़े,
हरी हरी रट मनवा रे,
दिन रह गए थोड़े।।
तर्ज – लिखने वाले ने लिख डाले।
तू माटी का एक खिलौना,
टूट के आखिर माटी होना,
फिर क्यों बोझा पाप का धोना,
भजन से मैले मन को धोना,
जनम मरण बंधन को तो बस,
जनम मरण बंधन को तो बस,
एक भजन ही तोड़े,
हरी हरी रट मनवा रे,
दिन रह गए थोड़े,
हरी हरी रट मनवा रे,
दिन रह गए थोड़े।।
दो दिन जग पाओ दाना,
फिर ये पंछी है उड़ जाना,
अब भी समय है हरी गुण गाना,
चूक गया तो हो पछताना,
पता नहीं कब क्रूर काल के,
पता नहीं कब क्रूर काल के,
आन पड़ेंगे कोड़े,
हरी हरी रट मनवा रे,
दिन रह गए थोड़े,
हरी हरी रट मनवा रे,
दिन रह गए थोड़े।।
सुत दारा और कुटुंब खजाना,
सब माया का ताना बना,
फिर क्या इनका गरब दिखाना,
ये नाता तो टूट ही जाना,
अमर प्यार का नाता पगले,
अमर प्यार का नाता पगले,
क्यों ना प्रभु से जोड़े,
हरी हरी रट मनवा रे,
दिन रह गए थोड़े,
हरी हरी रट मनवा रे,
दिन रह गए थोड़े।।
जीना है तो ऐसे जी ले,
श्याम नाम रस चख के पी ले,
गल जाएंगे पाप के टीले,
होंगे दुःख के बंधन ढीले,
‘गजेसिंह’ है धन्य वही जो,
‘गजेसिंह’ है धन्य वही जो,
प्रभु से मुँह ना मोड़े,
हरी हरी रट मनवा रे,
दिन रह गए थोड़े,
हरी हरी रट मनवा रे,
दिन रह गए थोड़े।।
किसको पता है कब ये हंसा,
तन पिंजरे को छोड़े,
हरी हरी रट मनवा रे,
दिन रह गए थोड़े,
हरी हरी रट मनवा रे,
दिन रह गए थोड़े।।
स्वर – रजनी जी राजस्थानी।