सावन आयो आवो नंदलाल,
दोहा :- काजलिया रे रेख ज्यू,
थाने पतिया लिखू सजाय,
आणो वेतो आईजा मोहन,
मारो सावन बीतो ज्याय।।
सावन आयो आवो नंदलाल,
नैना बरसे जियो मारो तरसे,
मारा हाल हुआ बेहाल,
सावन आयो आवो नंदलाल।।
संग री सहेलिया मारी झूले बगिया में,
अरे कारज मधुर उतार,
सावन आयो आवो नन्दलाल,
नैना बरसे जियो मारो तरसे,
मारा हाल हुआ बेहाल,
सावन आयो आवो नंदलाल।।
दादुर मोर पपीया बोले,
कोयल करे रे करपाल,
सावन आयो आवो नन्दलाल,
नैना बरसे जियो मारो तरसे,
मारा हाल हुआ बेहाल,
सावन आयो आवो नंदलाल।।
प्रेमी रंग में आ हुई रे दीवानी,
सुनले श्री गोपाल,
कर जोडत्यो ‘रामनिवास’ कहे,
ऐ मेरे दिन दयाल,
सावन आयो आवो नन्दलाल,
नैना बरसे जियो मारो तरसे,
मारा हाल हुआ बेहाल,
सावन आयो आवो नंदलाल।।
सावन आयो आवो नंदलाल,
नैना बरसे जियो मारो तरसे,
मारा हाल हुआ बेहाल,
सावन आयो आवो नंदलाल।।
स्वर – श्री गजेंद्र राव जी।
भजन प्रेषक – भजन गायक हेमेन्द्र राजपुरोहित।
भाकरी वाला रोहट।