डगर है मुश्किल कठिन सफर है हिंदी में (Dagar Hai Mushkil Kathin Safar Hai In Hindi)
डगर है मुश्किल कठिन सफर है
मगर मुसाफिर जगा नहीं है
जो सोएगा बस वही खोएगा
जो सोएगा बस वही खोएगा
ये बात उसको पता नहीं है
डगर हैं मुश्किल कठिन सफर हैं
मगर मुसाफिर जगा नहीं है।।
माँ लक्ष्मी जी का स्तोत्र : अष्टलक्ष्मी स्तोत्रं
लगेंगे फल जब किसी वृक्ष में
वो पेड़ झुक जाएंगे स्वतः ही
अकड़ तने की बता रही है
अकड़ तने की बता रही है
अभी फल इसमें लगा नहीं है
डगर हैं मुश्किल कठिन सफर हैं
मगर मुसाफिर जगा नहीं है।।
जो खानदानी रईस होते
मिजाज रखते है नर्म अपना
तुम्हारा लहजा बता रहा है
तुम्हारा लहजा बता रहा है
तुम्हारी दौलत नई नई है
डगर हैं मुश्किल कठिन सफर हैं
मगर मुसाफिर जगा नहीं है।।
इस भजन से मिलती है मन को शांति: दुनिया चले न श्री राम के बिना
जरा सा कुदरत ने क्या नवाजा
की आके बैठे हो पहली शफ में
अभी से उड़ने लगे हवा में
अभी से उड़ने लगे हवा में
अभी ये शोहरत नई नई है
डगर हैं मुश्किल कठिन सफर हैं
मगर मुसाफिर जगा नहीं है।।
डगर है मुश्किल कठिन सफर है
मगर मुसाफिर जगा नहीं है
जो सोएगा बस वही खोएगा
जो सोएगा बस वही खोएगा
ये बात उसको पता नहीं है
डगर हैं मुश्किल कठिन सफर हैं
मगर मुसाफिर जगा नहीं है।।
डगर है मुश्किल कठिन सफर है अंग्रेजी में (Dagar Hai Mushkil Kathin Safar Hai In English)
Dagar hai mushkil kathin safar hai
Magar musafir jaga nahi hai
Jo soya bas wahi khoyega
Jo soya bas wahi khoyega
Ye baat usko pata nahi hai
Dagar hai mushkil kathin safar hai
Magar musafir jaga nahi hai
Stotra of Mother Lakshmi: Ashtalakshmi Stotram
Lagenge phal jab kisi vriksh mein
Wo ped jhuk jayenge swatah hi
Akad tane ki bata rahi hai
Akad tane ki bata rahi hai
Abhi phal isme laga nahi hai
Dagar hai mushkil kathin safar hai
Magar musafir jaga nahi hai
Jo khandani raees hote
Mijaj rakhte hain narm apna
Tumhara lahja bata raha hai
Tumhara lahja bata raha hai
Dagar hai mushkil kathin safar hai
Magar musafir jaga nahi hai
This hymn gives peace to the mind: Duniya Chale Na Shri Ram Ke Bina
Jara sa kudarat ne kya nawaja
Ki aapke baith pahli falak mein
Abhi se udhne lage hawa mein
Abhi se udhne lage hawa mein
Abhi ye shoharat nahi nahi hai
Dagar hai mushkil kathin safar hai
Magar musafir jaga nahi hai
Dagar hai mushkil kathin safar hai
Magar musafir jaga nahi hai
Jo soya bas wahi khoyega
Jo soya bas wahi khoyega
Ye baat usko pata nahi hai
Dagar hai mushkil kathin safar hai
Magar musafir jaga nahi hai
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Singer – Devendra Pathak