Valentine Meaning in Hindi
लेंटाइन शब्द भारत तथा अन्य देशों में मनाए जाने वाले पश्चिमी त्यौहार वैलेंटाइन डे के कारण हिन्दी भाषी क्षेत्रों में प्रचलित हुआ है। आज यह दिवस भारत के साथ साथ हर उस देश में मनाया जाता है जहां पश्चिमी सभ्यता या ईसाई सभ्यता का प्रभाव है। विशेषकर युवाओं में प्रचलित इस त्यौहार की जानकारी व महत्व संचार संसाधनों जैसे कि इंटरनेट इत्यादि के प्रसार के साथ फैली है। यदि कहा जाए कि भारत में यह त्यौहार इंटरनेट की देन है तो गलत नही होगा क्योंकि इंटरनेट का भारत में आगमन होने से पूर्व भारत में इस त्यौहार का कोई अस्तित्व ही नही था। चलिए जानते हैं कि वैलेंटाइन का मतलब क्या होता है।
वैलेंटाइन अंग्रेजी भाषा का एक शब्द है जिसका हिन्दी में अर्थ होता है प्रेमी/ प्रेमिका/ प्रेम/ प्रेम पत्र या प्रेम पूर्वक दिया गया उपहार। इन शब्द के हिन्दी मे मुख्यतः पाँच अर्थ होते हैं जो प्रेम शब्द से ही जुड़े हैं। यह बोलने की तर्ज व परिस्थिति पर निर्भर करता है कि सामने वाले द्वारा प्रयोग किए गए वैलेंटाइन शब्द का अर्थ क्या होगा। उदाहरण के तौर पर यदि कहा जाए कि “आप मेरे वैलेंटाइन हो” तो इसका अर्थ होगा “आप मेरे प्रेमी/ प्रेमिका हो” और यदि बोला जाए कि “ये मेरा वैलेंटाइन आपके लिए” तो इसका अर्थ होगा “मेरा प्रेम/ प्रेम पत्र/ प्रेम पूर्वक दिया गया उपहार आपके लिए”। इस प्रकार से वैलेंटाइन शब्द का हिन्दी में प्रयोग किया जाता है। यह शब्द पुरुष व स्त्री दोनों एक दूसरे के लिए समान रूप से प्रयोग कर सकते हैं क्योंकि इस शब्द पर जेंडर का कोई प्रभाव नही होता।
वैलेंटाइन शब्द अंग्रेजी शब्दकोष में 1700 वर्ष पहले ही सूचीबद्ध हो गया था। दरअसल वैलेंटाइन एक व्यक्ति का नाम था जो रोम के तीसरी सदी में राजा रहे क्लाडियस (Claudius II) के शासन काल में पादरी का काम करते थे। लोग इन्हें संत वैलेंटाइन के नाम से जानते थे। जब राजा क्लाडियस अपनी सैन्य शक्ति बढ़ाने के लिए युवाओं को सेना में भर्ती कर रहा था तो उसने देखा कि वे लोग तो सेना में खुशी-खुशी भर्ती हो गए जो अविवाहित थे परन्तु जो लोग विवाहित व बाल-बच्चों वाले थे उनमें से ज्यादातर ने गृहस्थ कारणों का हवाला देते हुए सेना में भर्ती होने से मना कर दिया। इसके साथ साथ जो अविवाहित व्यक्ति सेना में भर्ती हुए उनका भी शादी के पश्चात सैन्य व्यवस्थाओं के अतिरिक्त वैवाहिक जीवन में ध्यान बंटना स्वाभाविक था। यह सब देख कर राजा ने कहा कि विवाह व्यक्ति को मानसिक व शारीरिक रूप से कमजोर बना देता है तथा फैसला सुनाया की वह अविवाहित लोगों को ही सेना में भर्ती करेगा तथा भविष्य में किसी भी सैनिक की शादी नही होने देगा। राजा के निर्णय से राज्य में शादियों पर बैन लगा गया। लोगों को यह अजीबोगरीब फैंसला रास नही आ रहा था परन्तु राजा के समक्ष बोलने की हिम्मत किसी में नही थी। तब संत वैलेंटाइन ने इस निर्णय को अन्यायपूर्ण बताते हुए इसका विरोध किया तथा युवाओं व सैनिकों की छुपकर शादियां करवानी आरंभ कर दी। जब राजा क्लाडियस को इस बात का पता चला तो उसने संत वैलेंटाइन को पकड़कर जेल में बंद कर दिया तथा उसकी फाँसी के लिए 14 फरवरी 269 ईसवी की तारीख घोषित की। इस बीच जब पादरी जेल में थे तो लोग उनसे मिलने आने लगे जिनमें से एक जेलर की अंधी बेटी भी थी। वैलेंटाइन को जेलर की बेटी से मन ही मन प्यार हो गया तथा मरने से पहले उन्होंने अपनी प्रेमिका के नाम एक खत लिखा। जिसमें लिखा था “वैलेंटाइन प्यार के लिए खुशी खुशी कुर्बान हो रहा है और प्यार को सदैव जीवित रखने की गुहार करता है” तथा खत के अंत में हस्ताक्षर किए “From Your Valentine” (फ्रॉम योर वैलेंटाइन)। अगले दिन 14 फरवरी 269 को उन्हें फाँसी दे दी गई। तब से 14 फरवरी संत वैलेंटाइन को याद करने के लिए प्रेम दिवस में रूप में मनाया जाने लगा।
यह एक मात्र कहानी नही है जो वैलेंटाइन डे के साथ जोड़ी जाती है बल्कि कई कहानियां लोगों द्वारा अपने अपने मतानुसार सुनाई जाती हैं। परन्तु तथाकथित सबसे विश्वसनीय उपरोक्त कहानी ही मानी जाती है। पश्चिम में वैलेंटाइन के नाम से कई प्रसिद्ध व बलिदानी पुरुष हुए है। जिनका नाम वैलेंटाइन डे से जोड़ा जाता रहा है।
इस प्रेम का त्यौहार कहे जाने वाले दिन को 7 फरवरी से मनाना आरंभ कर दिया जाता है जिसमें 7 से 13 जनवरी तक क्रमशः रोज़ डे (गुलाब दिवस), प्रोपोज़ डे (इजहार दिवस), चॉकलेट डे (चॉकलेट दिवस), टेडी बियर डे (उपहार दिवस), प्रोमिस डे (वचन दिवस) किस डे (किस दिवस), हग डे (गले मिलने के दिन के रूप में मनाए जाते हैं। इसके बाद 14 तारीख को वैलेंटाइन डे मनाया जाता है। आमतौर पर इंटरनेट पर इसका प्रचार “प्यार की डेटशीट” के नाम से किया जाता है। कुल 8 दिनों तक चलने वाला यह त्यौहार पश्चिमी सभ्यता की दुनिया के अन्य क्षेत्रों पर पड़ने वाली अमिट छाप का जीता जागता उदाहरण है।
ऐसा नही है कि वैलेंटाइन डे को हर तरफ से समर्थन मिलता है। भारत व अन्य कई देशों में जैसे कि ईरान, साउदी अरब इत्यादि में इस दिवस का विरोध देखने को मिलता है। कई दल ऐसे हैं जो संस्कृति व धर्म का हवाला देकर इसका विरोध भी करते हैं। यदि भारत की बात की जाए तो बजरंग दल को इस दिवस के कट्टर विरोधी के रूप में जाना जाता है बजरंग दल के स्वघोषित नियम के अनुसार यदि इस दिन कहीं भी कोई जोड़ा प्रेम-प्रसंगों में लिप्त पाया जाता है तो उनकी जबरन शादी करवा दी जाती है कई स्थानों पर इस दिन झड़पें देखने को मिलती हैं जिस कारण यह दिन विवाद का केंद्र बना रहता है। यदि कहा जाए कि इस दिन पश्चिमी सभ्यता में विश्वास रखने वाला समाज तथा पश्चिमी सभ्यता का विरोधी समाज आमने सामने होते हैं तो गलत नही होगा।
Valentine Meaning in Romanized Hindi
Lentain shabd Bharat tatha anya desho mein manaye jaane wale pashchimi tyohar Valentine Day ke karan Hindi bashi kshetron mein prachalit hua hai. Aaj yah divas Bharat ke sath sath har us desh mein manaya jata hai jahan pashchimi sabhyata ya Isai sabhyata ka prabhav hai. Visheshkar yuvao mein prachalit is tyohar ki jankari aur mahatva sanchar sadhano jaise ki internet ityadi ke prasar ke sath phaili hai. Yadi kaha jaye ki Bharat mein yah tyohar internet ki den hai to galat nahi hoga kyunki internet ka Bharat mein aagaman hone se pahle Bharat mein is tyohar ka koi asthitva hi nahi tha. Chaliye jante hai ki Valentine ka matlab kya hota hai.
Valentine angrezi bhasha ka ek shabd hai jiska Hindi mein arth hota hai premi/premika/prem/prem patra ya prem poorvak diya gaya uphaar. In shabdon ke Hindi mein mukhyatah paanch arth hote hain jo prem shabd se hi jude hain. Yah bolne ki tarz aur paristhiti par nirbhar karta hai ki samne wale dwara prayog kiye gaye Valentine shabd ka arth kya hoga. Udhaharan ke taur par yadi kaha jaye ki “Aap mere Valentine ho” to iska arth hoga “Aap mere premi/premika ho” aur yadi bola jaye ki “Ye mera Valentine aapke liye” to iska arth hoga “Mera prem/prem patra/prem poorvak diya gaya uphaar aapke liye”. Is prakar se Valentine shabd ka Hindi mein prayog kiya jata hai. Yah shabd purush aur stri dono ek doosre ke liye saman roop se prayog kar sakte hain kyunki is shabd par gender ka koi prabhav nahi hota.
Valentine shabd angrezi shabdakosh mein 1700 varsh pahle hi suchibaddh ho gaya tha. Darasal Valentine ek vyakti ka naam tha jo Rom ke teesri sadi mein raja rahe Claudius II ke shasan kaal mein padri ka kaam karte the. Log inhen sant Valentine ke naam se jante the. Jab raja Claudius apni sena shakti badhane ke liye yuvao ko sena mein bharti kar raha tha to usne dekha ki ve log to sena mein khushi-khushi bharti ho gaye jo avivahit the parantu jo log vivahit aur bal-bachchon vale the unme se jyadatar ne grihasth karanon ka havala dete hue sena mein bharti hone se mana kar diya. Iske sath sath jo avivahit vyakti sena mein bharti hue unka bhi shaadi ke pashchat seny vyavasthaon ke atirikt vaivahik jeevan mein dhyan bantna svabhavik tha. Yah sab dekh kar raja ne kaha ki vivah vyakti ko mansik aur sharirik roop se kamjor