सुन मेरी देवी पर्वतवासनी लिरिक्स हिंदी में (Sun Meri Devi Parvat Vasani Lyrics in Hindi)
सुन मेरी देवी पर्वतवासनी ।
कोई तेरा पार ना पाया माँ ॥
पान सुपारी ध्वजा नारियल ।
ले तेरी भेंट चढ़ायो माँ ॥
सुन मेरी देवी पर्वतवासनी ।
कोई तेरा पार ना पाया माँ ॥
सुवा चोली तेरी अंग विराजे ।
केसर तिलक लगाया ॥
सुन मेरी देवी पर्वतवासनी ।
कोई तेरा पार ना पाया माँ ॥
नंगे पग मां अकबर आया ।
सोने का छत्र चडाया ॥
सुन मेरी देवी पर्वतवासनी ।
कोई तेरा पार ना पाया माँ ॥
ऊंचे पर्वत बनयो देवालाया ।
निचे शहर बसाया ॥
सुन मेरी देवी पर्वतवासनी ।
कोई तेरा पार ना पाया माँ ॥
सत्युग, द्वापर, त्रेता मध्ये ।
कालियुग राज सवाया ॥
सुन मेरी देवी पर्वतवासनी ।
कोई तेरा पार ना पाया माँ ॥
धूप दीप नैवैध्य आर्ती ।
मोहन भोग लगाया ॥
सुन मेरी देवी पर्वतवासनी ।
कोई तेरा पार ना पाया माँ ॥
ध्यानू भगत मैया तेरे गुन गाया ।
मनवंचित फल पाया ॥
सुन मेरी देवी पर्वतवासनी ।
कोई तेरा पार ना पाया माँ ॥
सुन मेरी देवी पर्वतवासनी लिरिक्स अंग्रेजी में (Sun Meri Devi Parvat Vasani Lyrics in English)
Sun Meri Devi Parvat Vasini ।
Koi Tera Paar Na Paya ॥
Paan Supari Dhwaja Nariyal ।
Le Teri Bheint Charaya ॥
॥ Sun Meri Devi Parvat Vasini…॥
Suva Choli Teri Ang Viraje ।
Kesar Tilak Lagaya ॥
॥ Sun Meri Devi Parvat Vasini…॥
Nange Pag Maa Akbar Aaya ।
Sone Ka Chatra Charaya ॥
॥ Sun Meri Devi Parvat Vasini…॥
Oonche Parvat Banyo Devalaya ।
Niche Shahar Basaya ॥
॥ Sun Meri Devi Parvat Vasini…॥
Satyug, Dwapar, Treta Madhye ।
Kaliyug Raaj Savaya ॥
॥ Sun Meri Devi Parvat Vasini…॥
Dhoop Deep Naivaidhya Aarti ।
Mohan Bhog Lagaya ॥
॥ Sun Meri Devi Parvat Vasini…॥
Dhyanu Bhagat Maiya Tere Gun Gaya ।
Mannvanchit Phal Paaya ॥
Sun Meri Devi Parvat Vasini ।
Koi Tera Paar Na Paya ॥
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Singer – Tripti Shakya