सात दिनों का साथ था,
हमारा तुम्हारा,
हमारा तुम्हारा,
होगी किरपा श्याम की तो,
होगा मिलन दोबारा,
सात दिनो का साथ था,
हमारा तुम्हारा,
हमारा तुम्हारा।bd।
तर्ज – जनम जनम का साथ है।
गीता बनी रामायण,
निति हमें सिखाएं,
काशी मथुरा तीरथ,
चारों धाम नहाए,
कंचन जैसी काया सबको,
मिलती नहीं दोबारा,
सात दिनो का साथ था,
हमारा तुम्हारा,
हमारा तुम्हारा।bd।
चार दिनों का जीवन,
रहो सभी से मिलकर,
गुलशन में तुम रहना,
कलियों जैसे बनकर,
बेर बुराई तज कर रहना,
रखना भाईचारा,
सात दिनो का साथ था,
हमारा तुम्हारा,
हमारा तुम्हारा।bd।
दिन दुखी लाचार को,
तुम ना कभी सताओ,
सुन्दर रखो विचार को,
मन में यही बस लाओ,
त्यागी संत वही है जिसने,
अपने मन को मारा,
Bhajan Diary Lyrics,
सात दिनो का साथ था,
हमारा तुम्हारा,
हमारा तुम्हारा।bd।
सात दिनों का साथ था,
हमारा तुम्हारा,
हमारा तुम्हारा,
होगी किरपा श्याम की तो,
होगा मिलन दोबारा,
सात दिनो का साथ था,
हमारा तुम्हारा,
हमारा तुम्हारा।bd।
स्वर – प. विजय कृष्णजी शास्त्री / अविनाश मौर्य।
9009394004