इक तारा इक रुक्मण दोनों ही माँ की पुजारन,
अंतर क्या है दोनों ही बहनों में बोलो,
इक राजकुमारी इक भाग्य की मारी।
इक जब पैदा हुई तो घर घर बजने लगी शेहनाई,
इक जब पैदा हुई तोह नदिया बीच बहाई।
इक गाये इक रोये इक पाए इक खोये,
अंतर क्या है दोनों ही बहेनो में बोलो,
इक खुशी मनाये इक ठोकर खाए॥
इक राजा के संग गयी बिआही बन गयी महलों ही रानी,
इक कुतिया की बनी रौशनी रानी की नौकरानी।
इक रानी इक दासी दोनों की आत्मा प्यासी,
अंतर क्या है दोनों ही बहेनो में,
इक जगन रचाए इक बचन निभाए॥
तारा रानी की कथा का सार यही है,
उंच नीच का भेद न समझे साचा प्यार वही है।
तारा की अमार कहानी यु तो है सदीओ पुरानी,
अंतर क्या है दोनों ही कथा में,
ik taara ik rukman donon hee maan kee pujaaran,
antar kya hai donon hee bahanon mein bolo,
ik raajakumaaree ik bhaagy kee maaree.