अरजी सुणज्यो जी त्रिपुरार,
थे तो भूतों के सरदार,
थारी महिमा अपरंपार,
धतूरों बोयो बन में,
धतूरों बोयो बन में,
भांगडली सरणाई रे शिव,
थारा नैना में।।
था र बैला की असवारी,
म्हाने ला ग बहोत सुप्यारी,
नाग बिराजै गल म,
धतूरों बोयो बन म,
भांगडली सरणाई रे शिव,
थारा नैना में।।
था र गौरा छ अर्धङ्ग,
शंकर नित उठ पीवो भंग,
भष्मी रमाओ तन म,
भष्मी रामाओ तन म,
धतूरों बोयो बन म,
भांगडली सरणाई रे शिव,
थारा नैना में।।
था र डम डम डमरू बाजै,
था र पगां घूघरा बाजै,
गिरजा सोहे संग म,
नारी सोहे संग म,
धतूरों बोयो बन म,
भांगडली सरणाई रे शिव,
थारा नैना में।।
अरजी सुणज्यो जी त्रिपुरार,
थे तो भूतों के सरदार,
थारी महिमा अपरंपार,
धतूरों बोयो बन में,
धतूरों बोयो बन में,
भांगडली सरणाई रे शिव,
थारा नैना में।।
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